Текст песни Ram Sumir Ke Rahem Kare Na - Hari Om Sharan
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
कृष्ण
सुमिर
के
करम
करे
ना
यूँ
ही
जग
से
जाएगा
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
ओ
भगवान
को
भजने
वाले
क्या
भगवान
को
जाना
है
पास-पड़ौस
दु:
खी
दीनों
में
क्या
उसको
पहचाना
है
क्या
उसको
पहचाना
है
जब
तक
तेरी
खुदी
न
टूटे
खुदा
नजर
ना
आएगा
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
ये
संसार
कर्म
की
खेती
जो
बोए
वो
ही
पाए
जो
बोए
वो
ही
पाए
प्रेम
प्यार
से
सींच
ले
जीवन
ये
अवसर
फिर
ना
आए
ये
अवसर
फिर
ना
आए
चार
दिनों
का
जीवन
है
ये
कब
तक
ठोकर
खाएगा
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
अंतर
तेरे
अन्तर्यामी
रोज
तुझे
समझता
है
भला-बुरा
क्या
करना
तुझको
राह
तुझे
दिखलाता
है
राह
तुझे
दिखलाता
है
मन
की
कही
पे
चलने
वाले
फिर
पीछे
पछताएगा
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
शरण
गहे
बिन
जाप
है
निष्फल
निष्फल
है
जीवन
तेरा
निष्फल
है
जीवन
तेरा
जनम-मरण
की
फाँस
न
छूटे
रहे
दुखों
से
नित
घेरा
रहे
दुखों
से
नित
घेरा
पाप
गठरिया
भारी
हो
गई
कैसे
बोझ
उठाएगा
राम
सुमिर
के
रहम
करे
ना
फिर
कैसे
सुख
पाएगा
कृष्ण
सुमिर
के
करम
करे
ना
यूँ
ही
जग
से
जाएगा
Внимание! Не стесняйтесь оставлять отзывы.