Jagjit Singh - Huzoor Aapka Bhi Ehtram Karta Chaloon текст песни

Текст песни Huzoor Aapka Bhi Ehtram Karta Chaloon - Jagjit Singh




हज़ूर आपका भी
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
निगाह-ओ-दिल की यही आख़री तमन्ना है
निगाह-ओ-दिल की यही आख़री तमन्ना है
आख़री तमन्ना है
आख़री तमन्ना है
आख़री तमन्ना है
निगाह-ओ-दिल की यही आख़री तमन्ना है
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
उन्हे ये ज़िद के मुझे देखकर किसी को ना देख
(ये शेयर ख़ास करके बीवियों के लिए कह रहा हूँ)
उन्हे ये ज़िद के मुझे देखकर किसी को ना देख
मुझे देखकर किसी को ना देख
मुझे देखकर किसी को ना देख
मुझे देखकर किसी को ना देख
उन्हे ये ज़िद के मुझे देखकर किसी को ना देख
उन्हे ये ज़िद के मुझे देखकर किसी को ना देख
मेरा ये शौक
मेरा ये शौक के सबसे कलाम करता चलूँ
मेरा ये शौक के सबसे कलाम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ
ये मेरे ख़्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन
ये मेरे ख़्वाबों की
मेरे ख़्वाबों की
मेरे ख़्वाबों की
मेरे ख़्वाबों की
ये मेरे ख़्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन
अब गया हूँ
गया हूँ
गया हूँ
गया हूँ
अब गया हूँ तो दो दिन क़याम करता चलूँ
अब गया हूँ तो दो दिन क़याम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
हज़ूर आपका भी एह्तराम करता चलूँ



Авторы: Jagjit Singh, Shadaab


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