Lyrics Na De Ilzam Dil Unko - Mohammed Rafi
ना
दे
इल्ज़ाम,
दिल,
उनको
ना
कर
शिकवा
ज़माने
से
मोहब्बत
कम
नहीं
होती
कभी
भी
आज़माने
से
ना
दे
इल्ज़ाम...
ठहर
जाओ,
मेरे
अश्कों
ना
बाहर
आँख
के
आना
ठहर
जाओ,
मेरे
अश्कों
ना
बाहर
आँख
के
आना
मिलेगा
क्या
मेरी
हालत
पे
दुनिया
को
हँसाने
से?
ना
दे
इल्ज़ाम...
बड़ी
बेदर्द
दुनिया
है
किसी
के
ग़म
को
क्या
जाने
बड़ी
बेदर्द
दुनिया
है
किसी
के
ग़म
को
क्या
जाने
मज़े
ले-ले
के
हँसती
है
ख़ुश
होती
है
रुलाने
से
ना
दे
इल्ज़ाम...
ज़रा
से
दिल
के
गोशे
में
हज़ारों
ग़म
तड़पते
हैं
ज़रा
से
दिल
के
गोशे
में
हज़ारों
ग़म
तड़पते
हैं
ज़रा
से
ख़ूँ
के
क़तरे
को
शिकायत
है
ज़माने
से
ना
दे
इल्ज़ाम,
दिल,
उनको
ना
कर
शिकवा
ज़माने
से
ना
दे
इल्ज़ाम...
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