Prashant Beybaar - Chhupan Chhupai текст песни

Текст песни Chhupan Chhupai - Prashant Beybaar




छुपन-छुपाई में देखो कैसे
कब से सदियाँ बीत रही हैं
दिन छुपता फिरता रातों से
रातें छुप-छुपके बीत रही हैं
दिन लुढ़क रहा है फैल रहा
रात का बँधके चलना क्या
एक ही सिक्के के दोनों पहलू
फिर लुकना क्या, छुपना क्या
छुपन-छुपाई में देखो कैसे
कब से सदियाँ बीत रही हैं



Авторы: Prashant Beybaar


Prashant Beybaar - Dareecha-e-Zindagi
Альбом Dareecha-e-Zindagi
дата релиза
08-04-2022



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