Prashant Beybaar - Koi Khwaab Toh Aisa Aaye текст песни

Текст песни Koi Khwaab Toh Aisa Aaye - Prashant Beybaar




कोई ख़्वाब तो ऐसा आए
जो गहरी नींद लगाए
हम भीगे कुल्लड़ ख़ाके दोनों
चाँद को ओढ़े सो जाएँ
गीले सकोरों में रातें सोयीं
कोई उन्हें उठाए
सब सोएँ तो जागे रैना
भोर भए, रैना सो जाए
पी लेने दो रात के बादल
करवट पे दर्द सुलाए
एक टुकड़ा जो चाँद का नोचा
अब भूख भले मिट जाए
चाट के मिट्टी चखी हवा करारी
सागर छूके मन खारी खारी
दो पल चैन और इक वक़्त रोटी
बस आँख वहीं लग जाए
कोई ख़्वाब तो ऐसा आए



Авторы: Prashant Beybaar


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