Текст песни Chala Jata Hoon (From "Mere Jeevan Saathi") - R. D. Burman & Kishore Kumar
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                मिलन 
                                                की 
                                                मस्ती 
                                                भरी 
                                                आँखों 
                                                में
 
                                    
                                
                                                हज़ारों 
                                                सपने 
                                                सुहाने 
                                                लिए, 
                                                हो
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                मस्ती 
                                                के 
                                                नज़ारे 
                                                हैं 
                                                तो 
                                                ऐसे 
                                                में
 
                                    
                                
                                                संभलना 
                                                कैसा 
                                                मेरी 
                                                कसम?
 
                                    
                                
                                                जो 
                                                लहराती 
                                                डगरिया 
                                                हो 
                                                तो 
                                                फिर 
                                                क्यूँ 
                                                ना
 
                                    
                                
                                                चलूँ 
                                                मैं 
                                                बहका-बहका 
                                                रे
 
                                    
                                
                                                मेरे 
                                                जीवन 
                                                में 
                                                ये 
                                                शाम 
                                                आई 
                                                है
 
                                    
                                
                                                मोहब्बत 
                                                वाले 
                                                जमाने 
                                                लिए, 
                                                हो
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                वो 
                                                आलम 
                                                भी 
                                                अजब 
                                                होगा
 
                                    
                                
                                                वो 
                                                जब 
                                                मेरे 
                                                क़रीब 
                                                आएगी 
                                                मेरी 
                                                कसम
 
                                    
                                
                                                कभी 
                                                बैयाँ 
                                                छुड़ा 
                                                लेगी
 
                                    
                                
                                                कभी 
                                                हँस 
                                                के 
                                                गले 
                                                से 
                                                लग 
                                                जाएगी, 
                                                हाए
 
                                    
                                
                                                मेरी 
                                                बाहों 
                                                में 
                                                मचल 
                                                जाएगी
 
                                    
                                
                                                वो 
                                                सच्चे-झूठें 
                                                बहाने 
                                                लिए, 
                                                हो
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                बहारों 
                                                में, 
                                                नज़ारों 
                                                में, 
                                                नज़र 
                                                डालूँ
 
                                    
                                
                                                तो 
                                                ऐसा 
                                                लागे 
                                                मेरी 
                                                कसम
 
                                    
                                
                                                वो 
                                                नैनों 
                                                में 
                                                भरे 
                                                काजल
 
                                    
                                
                                                घूँघट 
                                                खोले 
                                                खड़ी 
                                                है 
                                                मेरे 
                                                आगे 
                                                रे
 
                                    
                                
                                                शरम 
                                                से 
                                                बोझल 
                                                झूकी 
                                                पलकों 
                                                में
 
                                    
                                
                                                जवाँ 
                                                रातों 
                                                के 
                                                फसाने 
                                                लिए, 
                                                हो
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                
                                                मिलन 
                                                की 
                                                मस्ती 
                                                भरी 
                                                आँखों 
                                                में
 
                                    
                                
                                                हज़ारों 
                                                सपने 
                                                सुहाने 
                                                लिए, 
                                                हो
 
                                    
                                
                                                चला 
                                                जाता 
                                                हूँ 
                                                किसी 
                                                की 
                                                धून 
                                                में
 
                                    
                                
                                                धड़कते 
                                                दिल 
                                                के 
                                                तराने 
                                                लिए
 
                                    
                                 
                            1 Main Ek Chor Tu Meri Rani (From "Raja Rani")
2 Ek Ajnabee Haseena Se (From "Ajnabee")
3 Nadiya Se Dariya (From "Namak Haraam")
4 Chingari Koi Bhadke (From"Amar Prem")
5 Yeh Sham Mastani (From "Kati Patang")
6 Humen Tumse Pyar Kitna
7 Chala Jata Hoon (From "Mere Jeevan Saathi")
8 O Mere Dil Ke Chain (From "Mere Jeevan Saathi")
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