Siddharth Amit Bhavsar - Dooriyaan Qareeb (feat. Yashika Sikka) текст песни

Текст песни Dooriyaan Qareeb (feat. Yashika Sikka) - Siddharth Amit Bhavsar



कह दो ना
कह दो ना तुम
मेरे हो, मेरे हो तुम
सच हो या
सच से परे?
रुह को दे दो सुकून
हम चिट्ठियाँ बस तुम्हें लिखते रहें
तुम आदतन बस यूँ ही मुस्का देना
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
बोलूँ क्या कह दें तुम्हें?
जो कभी कह ना चुके
सुबह तुम, हूँ रात मैं
चाह के भी मिल ना सके
हम रोशनी चाँद की दे-दें तुम्हें
तुम शाम तक रख उसे लौटा देना
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं
कभी-कभी दूरियाँ क़रीब से देखो तो कम हो जाती हैं



Авторы: Siddharth Bhavsar


Siddharth Amit Bhavsar - Dooriyaan Qareeb
Альбом Dooriyaan Qareeb
дата релиза
20-04-2020



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