Kishore Kumar - Hum Bewafa Hargiz Na Thay (From "Shalimar") текст песни

Текст песни Hum Bewafa Hargiz Na Thay (From "Shalimar") - Kishore Kumar



हम बेवफ़ा हरगिज़ थे
पर हम वफ़ा कर ना सके
हमको मिली उसकी सज़ा
हम जो ख़ता कर ना सके
हम बेवफ़ा हरगिज़ थे
पर हम वफ़ा कर ना सके
कितनी अकेली थी वो राहें हम जिन पे
अब तक अकेले चलते रहें
तुझसे बिछड़ के भी बेख़बर
तेरे ही ग़म में जलते रहें
तूने किया जो शिकवा
हम वो गिला कर ना सके
हम बेवफ़ा हरगिज़ थे
पर हम वफ़ा कर ना सके
तुमने जो देखा-सुना सच था मगर
कितना था सच ये किसको पता
जाने तुम्हें मैंने कोई धोखा दिया
जाने तुम्हें कोई धोखा हुआ
इस प्यार में सच-झूठ का
तुम फ़ैसला कर ना सके
हम बेवफ़ा हरगिज़ थे
पर हम वफ़ा कर ना सके



Авторы: R. D. Burman


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