Various Artist - Humein Bharat Kehte Hain (From "Hotel Mumbai") текст песни

Текст песни Humein Bharat Kehte Hain (From "Hotel Mumbai") - Various Artist




मेहमान तो रब के जैसा है
वो चले तो साँस बिछाते हैं
है लहू में रंग क़ुर्बानी का
जाँ देकर जान बचाते हैं
अपना-पराया हम ना देखें
कभी भी अपना ग़म ना देखें
दूसरों के दर्द में खड़े रहते हैं (खड़े रहते हैं)
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
कोई रोये तो आँसू चुरा के
आँखों में हँसी भर देते हैं
कोई रोये तो आँसू चुरा के
आँखों में हँसी भर देते हैं
मुश्किल में रह के, दूसरों का
आसान सफ़र कर देते हैं
ये मिट्टी कुछ ऐसी है
ज़ख़्मों पे मरहम जैसी है
इंसानियत की हवाओं में हम बहते हैं (हम बहते हैं)
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
तिलक जो माथे पे लगाया इस मिट्टी का
तो रंग बसंती छाये
तुमने जो माँगा, दिल सीने से निकाल के
जान देने चले आए
तिलक जो माथे पे लगाया इस मिट्टी का
तो रंग बसंती छाये
तुमने जो माँगा, दिल सीने से निकाल के
जान देने चले आए
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं
हमें "भारत" कहते हैं, हमें "भारत" कहते हैं



Авторы: Navnit Kumar, Devraj Chuhan



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